Wednesday 5 December 2012

एक लो जलाई है मन में 
एक ख्वाब आखो में जागा है ! 

जो कल था वो आज भी है 
बस एहसास थोड़ा ज्यादा है !

न कमजोर न बेचारी 
हम है आधुनिक नारी !

आधुनिकता का मतलब बस 
ओढने , पेहेनने से नहीं मन से है, 
नारीत्व का मतलब अब हमसे है !

न हटेंगे , न रुकेंगे ये संकल्प हमारा है,
आखिर अगली पीढ़ी को उसका हक भी दिलाना है !