kavita ki kavita ( ye lamha filhal ji lene de )
Wednesday, 26 September 2012
अब तो घबरा कर ये कहते है की मर जायेंगे ,
पर मर कर भी न लगा मन तो किधर जायेंगे !
हम वो नहीं जो इल्जाम दे उन पर ,
पूछेगा भी कोई तो मुकर जायेंगे !
इस जहा में बहुत होंगे जख्मो पर मरहम लगाने वाले ,
पर मेरे जखम ऐसे नहीं जो भर जायेंगे
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