सड़क पर सोती ज़िन्दगी ,
हर पल हर लम्हा रोती ज़िन्दगी !
कल की खबर नहीं ,
पर आज है बेखोफ ज़िन्दगी !
दर पर दर भटकती हू मैं ,
लेकिन ठिकाना नहीं मेरा ये कहती ज़िन्दगी !
समय के साथ निकल जाउंगी कही दूर ,
फिर न कहना रूकती नहीं ज़िन्दगी !
जिंदा हू तो कद्र नहीं मेरी ,
फिर कहोगे मिलती नहीं ज़िन्दगी !
No comments:
Post a Comment