आज साथ है वो कुछ पल के लिए ,
ये पल बदल जाये हर पल के लिए !
फासलों के नाम से डर लगता है ,
उनके बिना सब कम लगता है !
क्यों ज़िन्दगी ऐसी राहों पे लाती है ,
जहा आ के हर रह बदल जाती है !
बेचेनी , बेबसी , लफ्जो से नफरत सी हो गयी है ,
ये ज़िन्दगी अब बस मेरी ज़िन्दगी हो गयी है !
अब सब कुछ एक नए सिरे से होगा ,
जिसमे मेरा वजूद शामिल होगा !
नहीं रहूंगी मैं अंजान दुनिया के रिवाजो से ,
करना होगा भरोसा अब उन्हें भी मेरी बातो पे !
एक नयी पहचान होगी,एक नया मुकाम होगा ,
शायद आने वाले इतिहास में मेरा भी नाम होगा !
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